IPL 2025 में धोनी की कप्तानी का कड़वा सच, KKR के खिलाफ CSK की शर्मनाक हार

धोनी की कप्तानी का कड़वा सच?

आईपीएल 2025 का 25वां मुकाबला क्रिकेट फैंस के लिए चौंकाने वाला रहा, खासकर चेन्नई सुपर किंग्स के चाहने वालों के लिए। एमएस धोनी की कप्तानी में चेन्नई की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सामने पूरी तरह घुटनों पर आ गई। बल्लेबाजी इतनी कमजोर रही कि 20 ओवर में सिर्फ 103 रन ही बोर्ड पर लगा सकी — और वो भी 9 विकेट खोकर। 



चेपॉक स्टेडियम में ये CSK का अब तक का सबसे छोटा स्कोर है। एक ऐसा मैदान, जिसे कभी चेन्नई का किला कहा जाता था, वहां इस तरह की परफॉर्मेंस देखना बेहद निराशाजनक रहा, कोलकाता के स्पिनर्स का कहर ऐसा टूटा कि चेन्नई की मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सुनील नरेन ने एक बार फिर दिखा दिया कि क्यों वो टी20 क्रिकेट के सबसे खतरनाक स्पिनरों में गिने जाते हैं। उन्होंने 3 विकेट झटके, जबकि वरुण चक्रवर्ती और हर्षित राणा ने 2-2 विकेट लेकर उनका पूरा साथ निभाया।

धोनी फिर नरेन के जाल में फंसे

नई कप्तानी की शुरुआत में ही धोनी को एक कड़वा अनुभव मिला। धोनी, जो नंबर 9 पर बैटिंग करने आए, सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। और वो भी अपने सबसे पुराने दुश्मन, सुनील नरेन के खिलाफ। टी20 क्रिकेट में नरेन के खिलाफ धोनी का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। 92 गेंदों में सिर्फ 48 रन और 3 बार आउट — स्ट्राइक रेट सिर्फ 52 का। ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि नरेन के सामने धोनी का बल्ला हमेशा खामोश ही रहता है।आईपीएल इतिहास में नंबर 9 पर धोनी जब भी उतरे हैं, उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा है। 2024 में पंजाब के खिलाफ वो पहली बार इस नंबर पर उतरे थे और जीरो पर आउट हो गए थे। इस सीजन आरसीबी के खिलाफ उन्होंने नाबाद 30 रन बनाए थे, लेकिन केकेआर के खिलाफ एक बार फिर फ्लॉप साबित हुए।

चेपॉक में CSK का सबसे खराब स्कोर

कोलकाता के खिलाफ 103 रन पर ऑलमोस्ट ऑल आउट होना चेपॉक के इतिहास में चेन्नई का सबसे खराब स्कोर बन गया है। इससे पहले इस मैदान पर 2019 में RCB सिर्फ 70 रन पर सिमटी थी, 2015 में पंजाब 95 रन पर और 2019 में दिल्ली कैपिटल्स 99 रन पर ऑल आउट हुई थी। 2023 में लखनऊ की टीम भी मुंबई इंडियंस के खिलाफ सिर्फ 101 रन ही बना पाई थी। लेकिन इस बार चेन्नई की ऐसी हालत खुद अपने घर में हुई — ये फैन्स के लिए किसी सदमे से कम नहीं।

नरेन जैसे गेंदबाजों के सामने दिग्गज भी फेल

धोनी ही नहीं, कई बड़े नाम ऐसे गेंदबाजों के सामने जूझते नजर आए हैं। जोस बटलर का राशिद खान के खिलाफ स्ट्राइक रेट सिर्फ 60 का है। पार्थिव पटेल का संदीप शर्मा के खिलाफ स्ट्राइक रेट 61 है। नमन ओझा का सुनील नरेन के खिलाफ 64 का स्ट्राइक रेट है। मनीष पांडेय अक्षर पटेल के सामने भी सिर्फ 64 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि कुछ गेंदबाज ऐसे होते हैं, जो बड़े से बड़े बल्लेबाजों के लिए भी सिरदर्द बन जाते हैं — और सुनील नरेन उनमें टॉप पर आते हैं।

अब आगे क्या?

धोनी के लिए यह मुकाबला एक अलार्म बेल की तरह है। कप्तानी की जिम्मेदारी, नंबर 9 पर बैटिंग और खराब रिकॉर्ड — इन सबके बीच उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से सोचने की जरूरत है। वहीं CSK को भी अब बल्लेबाजी में मजबूती लाने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे। IPL लंबा टूर्नामेंट है, लेकिन इस हार ने चेन्नई के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।

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